कार्तिक पूर्णिमा: सरोवर और नदी में आस्था का पर्व

कार्तिक पूर्णिमा 2024 bhilwarakhabar.com

शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली के अवसर पर श्रद्धालुओं ने सरोवरों और नदियों में आस्था की डुबकी लगाई। सुबह से ही मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालुओं ने स्नान कर पुण्य कमाया, मंदिरों में पूजा-अर्चना की और दान-पुण्य किया।

कार्तिक पूर्णिमा पे त्रिवेणी नदी पर उमड़ा जनसैलाब

इस वर्ष, कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली के मौके पर शुक्रवार को हजारों श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था को सरोवर और नदियों में डुबकी लगाकर व्यक्त किया। श्रद्धालुओं का मानना है कि इस दिन स्नान करने से उनका जीवन पवित्र हो जाता है और वे पुण्य प्राप्त करते हैं। त्रिवेणी नदी पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। स्नान के बाद भक्तों ने मंदिरों में भगवान के दर्शन किए और दान-पुण्य कर अपनी आस्था प्रकट की।

शाम को दीपदान से जगमगाए मंदिर और सरोवर

कार्तिक पूर्णिमा हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण पर्व है, जो हर साल कार्तिक माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से गंगा स्नान, दीपदान और पूजा-अर्चना के लिए जाना जाता है। इस दिन श्रद्धालु अपने पापों से मुक्ति पाने और पुण्य अर्जित करने के लिए पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। वहीं, इस दिन का धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है जब इसे देव दीपावली के रूप में मनाया जाता है। श्रद्धालुओं ने दीपदान कर मंदिरों और धार्मिक स्थलों को रोशनी से सजाया।

आयोजन में समाज का सहयोग

इस पवित्र आयोजन में स्थानीय श्रद्धालु केदार जागेटिया, सुमित जागेटिया, योगेश अग्रवाल, अतुल पारीक, शिव पाराशर और मोहन सेन का सहयोग सराहनीय रहा।

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व

यह दिन धार्मिक क्रियाकलापों, स्नान, पूजा-अर्चना और दान के लिए जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन सरोवर या नदी में स्नान करने से मनुष्य को पापों से मुक्ति मिलती है और वह पुण्य अर्जित करता है।

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