भीलवाड़ा में Bageshwar Dham Sarkar की हनुमान कथा, राजनीति और सनातन धर्म पर चर्चा
भीलवाड़ा, राजस्थान में इन दिनों Bageshwar Dham Sarkar के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री द्वारा हनुमान कथा का आयोजन किया जा रहा है। इस कथा के तीसरे दिन शास्त्री ने राजनीति और सनातन धर्म से जुड़े कई मुद्दों पर अपने विचार खुलकर रखे। कथा के दौरान उन्होंने राजनीति में हो रही गतिविधियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि नेता अपने निजी स्वार्थ के लिए राजनीति का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने पहली बार अपनी “पार्टी” का खुलासा करते हुए कहा –
“हमारी पार्टी तो बजरंग बली है और उसका चिन्ह घोटा है।”
सनातन धर्म और हिंदू जागरूकता पर जोर
पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कथा में सनातन धर्म और हिंदू समाज की जागरूकता पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने देश में सनातन बोर्ड की स्थापना की आवश्यकता पर जोर दिया। शास्त्री ने वक्फ बोर्ड के मुद्दे पर भी खुलकर चर्चा की और कहा कि देशभर में वक्फ बोर्ड के माध्यम से हो रहे भूमि कब्जे के मामलों पर रोक लगनी चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने लव जिहाद के मुद्दे पर भी अपने विचार व्यक्त किए और समाज में इसके बढ़ते खतरे के प्रति जागरूकता लाने की आवश्यकता पर बल दिया।
तीसरे दिन की कथा और Bageshwar Dham Sarkar का धार्मिक दौरा
भीलवाड़ा में Bageshwar Dham Sarkar की यह कथा मंगलवार को शुरू हुई, जब पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री चार्टर प्लेन से यहां पहुंचे। उन्होंने पहले दिन हरणी महादेव रोड स्थित रामेश्वरम में मीडिया से बातचीत की, जिसमें उन्होंने हिंदू धर्म की जागरूकता बढ़ाने के अपने प्रयासों के बारे में बताया। कथा के तीसरे दिन, शास्त्री ने राजसमंद जिले के प्रसिद्ध श्रीनाथ जी मंदिर का भी दौरा किया। वहां उन्होंने पूजा-अर्चना की और मंदिर प्रबंधन से आशीर्वाद लिया।
चुनावी माहौल में Bageshwar Dham Sarkar की हनुमान कथा
हनुमान कथा का आयोजन ऐसे समय में हो रहा है जब देश के कुछ राज्यों में चुनावी माहौल गर्माया हुआ है। महाराष्ट्र और झारखंड में 13 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, वहीं राजस्थान, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में उपचुनाव होने वाले हैं। इस मौके पर शास्त्री द्वारा उठाए गए मुद्दे और सनातन धर्म पर जोर से उनका प्रभाव और बढ़ गया है।
Bageshwar Dham Sarkar की इस कथा ने भीलवाड़ा में सनातन धर्म और हिंदू जागरूकता को लेकर एक नई ऊर्जा का संचार किया है। शास्त्री द्वारा की गई चर्चाएं और उनके विचार धर्म और समाज के प्रति एक नई सोच को जन्म दे रहे हैं।