भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का गंभीर आरोप, छात्रों ने की शिकायत
भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज, जिसे राजमाता विजयाराजे सिंधिया (RVRS) मेडिकल कॉलेज के नाम से जाना जाता है, में रैगिंग की एक गंभीर घटना सामने आई है। प्रथम वर्ष के MBBS छात्रों ने आरोप लगाया है कि सीनियर छात्रों ने उन्हें रैगिंग के दौरान “नग्न करने” और “अश्लील हरकतें करने” के लिए मजबूर किया। इस मामले की शिकायत छात्रों ने कॉलेज प्रशासन के साथ-साथ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) में भी दर्ज कराई है।
24 अक्टूबर की घटना, भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज के फाउंडेशन कोर्स के दौरान हुआ दुर्व्यवहार
छात्रों के अनुसार, यह घटना 24 अक्टूबर को हुई, जब भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज में MBBS के नए छात्रों के लिए फाउंडेशन कोर्स शुरू हुआ था। शिकायत में यह कहा गया है कि सीनियर छात्रों ने उन्हें एक सुनसान घर में ले जाकर दुर्व्यवहार किया। वहां न केवल अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया गया। सीनियर्स ने उनके मोबाइल फोन छीनकर वीडियो बनाने से रोका ताकि उनके खिलाफ कोई सबूत न रहे।
UGC और NMC में शिकायत, छात्र की सुरक्षा की मांग
इस गंभीर घटना के बाद छात्रों ने UGC और NMC को भी शिकायत भेजी। UGC ने शिकायतकर्ता से उसकी पहचान की पुष्टि करने के लिए कहा है, लेकिन सुरक्षा के कारण शिकायतकर्ता ने अपनी पहचान गोपनीय रखने का आग्रह किया है। भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज के छात्रों का कहना है कि वे इस मामले में सुरक्षा की मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में उन्हें या अन्य छात्रों को किसी प्रकार की धमकी या दबाव का सामना न करना पड़े।
भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज का बयान: “रैगिंग की कोई घटना नहीं घटी”
भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने छात्रों द्वारा लगाए गए इन आरोपों को खारिज कर दिया है। कॉलेज प्रशासन के अनुसार, उन्हें रैगिंग के संबंध में अब तक कोई आधिकारिक शिकायत नहीं मिली है और उन्होंने दावा किया है कि परिसर में ऐसी कोई घटना नहीं घटी है। कॉलेज प्रशासन का यह भी कहना है कि वे परिसर में सुरक्षा और अनुशासन बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
SAVE संगठन ने की सख्त कार्रवाई की मांग
रैगिंग विरोधी संगठन (SAVE) ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया है और कॉलेज प्रशासन से आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। SAVE ने कहा कि यह घटना बहुत ही निंदनीय है और कॉलेज प्रशासन को छात्रों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए। SAVE ने इस मामले को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) और अनुसूचित जाति व जनजाति आयोग तक ले जाने की भी योजना बनाई है ताकि छात्रों को न्याय मिल सके।
भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज में रैगिंग की इस घटना ने एक गंभीर चिंता का विषय उत्पन्न किया है। छात्रों ने अपनी सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है और विभिन्न सरकारी एजेंसियों में शिकायतें दर्ज कराई हैं। इस मामले की सटीकता की जांच होनी चाहिए ताकि सच सामने आ सके और दोषियों को दंडित किया जा सके। भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज प्रशासन और संबंधित एजेंसियों से उम्मीद है कि वे छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे और रैगिंग जैसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई करेंगे।