राजस्थान धर्मांतरण विरोधी कानून: गैरकानूनी धर्मांतरण पर 10 साल तक की सजा

Rajasthan Anti-Conversion Law | Bhilwarakhabar.com

Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने राजस्थान धर्मांतरण विरोधी कानून को मंजूरी दे दी है, जिससे जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए सख्त प्रावधान लागू किए जाएंगे। यह नया कानून धोखाधड़ी, दबाव या किसी भी तरह के प्रलोभन द्वारा धर्म परिवर्तन करने वालों को दंडित करेगा।

राजस्थान धर्मांतरण विरोधी कानून के मुख्य प्रावधान

  • जबरन धर्म परिवर्तन के मामलों में 2 से 10 साल तक की जेल और 25,000/- रुपये का जुर्माना लगेगा।
  • अगर पीड़ित नाबालिग, महिला, अनुसूचित जाति (SC) या अनुसूचित जनजाति (ST) से संबंधित है, तो सजा बढ़कर 3 से 10 साल की जेल और 50,000/- रुपये का जुर्माना हो सकती है।
  • किसी भी प्रकार के दबाव, प्रलोभन या जबरदस्ती कराए गए विवाह को अवैध घोषित किया जाएगा।
  • जो भी व्यक्ति धर्म परिवर्तन करना चाहता है, उसे कम से कम 60 दिन पहले जिला कलेक्टर को सूचित करना होगा।
  • धर्मांतरण की प्रक्रिया के 30 दिन पहले सूचना देना अनिवार्य होगा।
  • धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति को 60 दिन के भीतर हलफनामे के माध्यम से पुनः कलेक्टर को जानकारी देनी होगी।

क्यों लाया गया यह राजस्थान धर्मांतरण विरोधी कानून?

राजस्थान के कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि राज्य में धर्म परिवर्तन के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें लालच और धोखाधड़ी के जरिए लोगों का धर्म बदला गया। सरकार इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए सख्त कानून लेकर आई है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

  • भाजपा विधायक घनश्याम तिवारी ने इसे “ऐतिहासिक फैसला” बताते हुए कहा कि इस कानून से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
  • कांग्रेस नेता गोविंद सिंह डोटासरा ने इस बिल को गैरजरूरी बताते हुए भाजपा पर धार्मिक ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाया।
  • वर्ष 2006 में वसुंधरा राजे सरकार ने भी ऐसा कानून लाने का प्रयास किया था, लेकिन राज्यपाल और राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिल सकी।

देश के अन्य राज्यों में भी ऐसे कानून

राजस्थान से पहले उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में भी इस तरह के कानून लागू हो चुके हैं। यूपी में 2023 में धर्मांतरण विरोधी कानून बना, जिसमें जबरन धर्मांतरण पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। वहीं, कर्नाटक में 2022 में यह कानून लागू हुआ, लेकिन कांग्रेस सरकार बनने के बाद इसे 2023 में हटा दिया गया।

लोगों की राय और असर

राजस्थान में यह कानून लागू होने के बाद जबरन धर्मांतरण के मामलों में कमी आने की संभावना है। हालांकि, इससे धार्मिक स्वतंत्रता पर बहस भी शुरू हो सकती है।


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