पिंक टॉयलेट मिशन के अंतर्गत राजस्थान में महिला स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए पिंक टॉयलेट शौचालयों का निर्माण और नवीनीकरण हो रहा है। इस योजना के तहत, भीलवाड़ा के कई सरकारी विद्यालयों में विशेष शौचालय बनाए जा रहे हैं। राज्य में 11,208 पंचायतों में से 10,370 स्कूलों का चयन इस मिशन के लिए किया गया है, जिनमें 7188 विद्यालयों में महिला शौचालय स्थापित होंगे। अब तक 6734 शौचालयों के निर्माण की स्वीकृति हो चुकी है और 4389 स्थानों पर कार्य प्रारंभ हो चुका है। शेष स्थानों पर कार्य जल्द ही शुरू होगा।
पंचायतों द्वारा पिंक टॉयलेट शौचालय निर्माण
हर पंचायत में अपने स्तर पर स्वच्छता सुविधा विकसित की जाएगी। एक शौचालय के निर्माण पर लगभग 75 हजार रुपए का खर्च होगा। राज्य सरकार ने सभी विकास अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस काम को समयसीमा के भीतर पूरा किया जाए।
भीलवाड़ा जिले में परियोजना की स्थिति
इस पहल के तहत भीलवाड़ा में 94 विद्यालयों का चयन किया गया है। इनकी तकनीकी और वित्तीय स्वीकृति पहले ही मिल चुकी है, और इनमें से 72 विद्यालयों में कार्य प्रगति पर है। पंचायतीराज विभाग द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार इन स्थानों पर नवीनीकरण किया जा रहा है।
पिंक टॉयलेट की विशेषताएँ
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंद्रभानसिंह भाटी के अनुसार, इन शौचालयों में महिलाओं और छात्राओं के लिए खास सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। इनमें भारतीय और पश्चिमी प्रकार के शौचालयों का संयोजन होगा। दिव्यांगों के लिए अनुकूल सुविधाएँ, पर्याप्त प्रकाश, वेंटिलेशन, नियमित पानी, सेनेटरी पैड, इंसिनरेटर, और वॉश बेसिन जैसी सुविधाएँ होंगी। स्वास्थ्य और स्वच्छता जागरूकता के लिए IEC संदेश भी प्रदर्शित किए जाएंगे।
संचालन और रखरखाव की व्यवस्था
पानी और साबुन की नियमित उपलब्धता और सफाई की जिम्मेदारी विद्यालय की होगी। इस काम की देखरेख के लिए एक व्यक्ति नियुक्त किया जाएगा। गारंटी अवधि में सेनेटरी पैड इंसिनरेटर का रखरखाव संबंधित आपूर्तिकर्ता द्वारा किया जाएगा। जिला अधिकारियों द्वारा इनका नियमित निरीक्षण होगा, और महिला एवं बाल विकास विभाग की उड़ान योजना के माध्यम से सेनेटरी पैड की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।